देश के कई राज्याें में पिछले दिनाें से हाे रही भारी बारिश से बाढ़ का कहर जारी है। मध्य प्रदेश-गुजरात में नर्मदा नदी के तटीय इलाकाें में 1999 के बाद बाढ़ की ऐसी स्थिति बनी है कि कई गांव जलमग्न हाे गए। मध्य प्रदेश के 12 जिलों के 411 गांव बाढ़ की चपेट में हैं।
राहत-बचाव के काम में वायु सेना दूसरे दिन भी तैनात रही। छिंदवाड़ा जिले में पांच, बालाघाट में एक बुजुर्ग सहित तीन लाेगाें काे एयर लिफ्ट कर बचाया। बाढ़ से आठ हजार लोगों को सुरक्षित पहुंचाया गया है।
नर्मदा तट के इलाकाें से 2000 से ज्यादा लाेगाें काे सुरक्षित निकाला
पंचमहल, राजकोट, बनासकांठा, बोटाड, वडाेदरा, देवभूमि द्वारका और जूनागढ़ जिलों में आठ घंटे में ही 100 से 120 मिमी से अधिक वर्षा हुई। बाढ़ में डूबे नर्मदा तट के इलाकाें से 2000 लाेगाें काे सुरक्षित निकाला गया।
महाराष्ट्र: 14 हजार लाेगाें का रेस्क्यू
नागपुर सहित आसपास के जिलाें में भारी बारिश से कई इलाके बाढ़ की चपेट में हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमाें ने निचले इलाकाें से 14 हजार लाेगाें काे सुरक्षित स्थानाें पर पहुंचाया है।
ओडिशा: नारियल के पेड़ पर 18 घंटे तक रहा
ओडिशा जाजपुर जिले में बाढ़ में एक युवक ने नारियल के पेड़ पर चढ़कर अपनी जान बचाई। उसे 18 घंटे बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने सुरक्षित निकाला। राज्य में 543 गांवाें के 1.5 लाख लाेग बाढ़ से प्रभावित हैं। महानदी के हीराकुड बांध के 64 गेट खाेले गए हैं।
सौराष्ट्र में बारिश 150% तो कच्छ में 250% के करीब
1) मानसून ट्रफ राजस्थान, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की खाड़ी तक लंबी हो गई है, लेकिन जब यह दक्षिण में पहुंचती है यानी पश्चिम की ओर राजस्थान, एमपी के आसपास होता है तो गुजरात में भारी बरसात होती है।
2) लो प्रेशर सामान्य तौर पर बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में होता है और पश्चिम, उत्तर-पश्चिम में बढ़ता है। यह सिस्टम उत्तर-पश्चिम, मध्य प्रदेश, द.राजस्थान में पहुंचे तब उत्तर गुजरात, सौराष्ट्र, कच्छ में मूसलाधार होती है।
3) अपर एयर सर्कुलेशन उत्तर पूर्व अरब सागर और इससे जुड़ा सौराष्ट्र, कच्छा के हिस्सों के आसपास होता है जो सौराष्ट्र, कच्छ में भारी बरसात होती है।
4) ऑफ शोर ट्रफ हल्के दबाव की एक पट्टी जो दक्षिण गुजरात के किनारे से केरल के किनारों तक देखने को मिलता है। वह कोंकण से द. गुजरात तक सक्रिय होता है तब द. गुजरात और आसपास के विस्तारों में भारी बरसात होती है।