उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नकली कोरोना वैक्सीन और टेस्टिंग किट बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ हुआ है. पुलिस को यहां से करीब 4 करोड़ रुपये की नकली कोरोना वैक्सीन की वॉयल और टेस्टिंग किट मिले हैं.
अगर आप दिल्ली या फिर केरल के हैं तो आपको कोरोना से बचाव या इलाज को लेकर कुछ ज्यादा ही सतर्क हो जाने की जरूरत है, क्योंकि वाराणसी में एक ऐसी अवैध फैक्ट्री पकड़ी गई है, जिसमें न केवल नकली कोरोना वैक्सीन बल्कि नकली टेस्टिंग किट और रेमडेसिवीर इंजेक्शन भारी मात्रा बनते थे.
खास बात यह है कि इन वैक्सीन और इंजेक्शन में दवाई की जगह पानी और ग्लूकोज मिलाकर बेचा जाता था और तो और यह दिल्ली और केरल के बाजार तक पहुंच भी चुका है. इसका खुलासा तब हुआ जब STF और IB के डेढ़ साल की मेहनत के बाद नकली कोरोना से संबंधित दवा और वैक्सीन बनाने वाली फैक्ट्री को वाराणसी के मकान में पकड़ा.
छापे के दौरान टीम के होश उड़ गए, क्योंकि लगभग 4 करोड़ रुपये का नकली कोरोना वैक्सीन, टेस्टिंग किट और रेमडेसिवीर इंजेक्शन बरामद किया गया. साथ ही भारी मात्रा में पैकिंग मैटेरियल और मशीनें भी बरामद हुई. नकली टेस्टिंग किट, नकली कोविशील्ड वैक्सीन, नकली जाइकोव डी वैक्सीन, पैकिंग मशीन, खाली वायल, स्वाब स्टिक बरामद किया गया.
पूछताछ में फैक्ट्री से पकड़े गए राकेश थवानी ने बताया कि वह संदीप शर्मा, अरुणेश विश्वकर्मा व शमशेर के साथ मिलकर नकली वैक्सीन व टेस्टिंग किट बनाता था व लक्ष्य जावा को सप्लाई करता था, जो अपने नेटवर्क के द्वारा अलग अलग राज्यों में सप्लाई करता था.
- रेमडेसिवीर इंजेक्शन में ग्लूकोज पाउडर
1550 नकली रेमडेसिवीर के इंजेक्शन मिले है, जिसमें केवल ग्लूकोज का पाउडर भरा जाता था. इसके अलावा कोविशिल्ड की लेवल लगी हुई 720 नकली वैक्सीन मिली है. एक हजार शीशियां बगैर लेवल की भरी हुई मिली है. इसके अलावा नकली एंटीजन किट भी 432 बॉक्स मिले है और एक बॉक्स में 25 किट होती है. एक बॉक्स की कीमत 37500 रुपये है.
इसके अलावा कैडिला के द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन भी 880 वायल मिली है, जो अभी सप्लाई भी नहीं हुए है और केवल अंडर ट्रायल ही है. बरामद सारे माल की कीमत 4 करोड़ रुपए है. पुलिस ने बताया कि इस पूरे मामले में 5 लोग पकड़े गए है. मुख्य रूप से पकड़े गए लोगों में लक्ष्य जावा नाम का शख्स दिल्ली का है, जो परचेज करने आया था.