Nagastra-1: सर्जिकल स्ट्राइक नहीं... अब दुश्मन के घर में घुसकर हमला करेगा भारतीय आत्मघाती ड्रोन:-
इंडियन आर्मी (Indian Army) नागपुर स्थित निजी डिफेंस कंपनी सोलार इंडस्ट्रीज से 450 नागास्त्र-1 (Nagastra-1) लॉयटरिंग म्यूनिशंस खरीद रही है. स्वदेशी हथियार बनाने वाली इस कंपनी ने इजरायल और पोलैंड की कंपनियों को हराकर यह डील हासिल की है. नागास्त्र-1 एक तरह का सुसाइड ड्रोन है.
सोलार इंडस्ट्रीज को एक साल के अंदर ये सारे हथियार भारतीय सेना को सौंपने हैं. पिछली साल इस हथियार का चीन सीमा के पास लद्दाख की नुब्रा घाटी में सफल परीक्षण हुआ था. यानी भविष्य में सर्जिकल स्ट्राइक करने की जरुरत नहीं पड़ेगी. सीमा इस पार से ड्रोन उड़ेगा, वह दुश्मन के घर में घुसकर आत्मघाती हमला कर सकेगा.
आम भाषा में आप इन्हें सुसाइड ड्रोन कह सकते हैं. सेना की भाषा में इसे लॉयटरिंग म्यूनिशंस कहते हैं. इस हथियार को नागपुर की सोलार इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी इकोनॉमिक्स एक्सप्लोसिव्स और बेंगलुरु के जेड मोशन ऑटोनॉमस सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने मिलकर बनाया है.
पिछले साल 21 से 23 मार्च को नुब्रा घाटी में तीनों ही हथियारों का सफल परीक्षण हुआ है. नागास्त्र के दोनों वैरिएंट 60 से 90 मिनट तक उड़ सकते हैं. इसकी ऑपरेशनल रेंज 15 KM है. दुनिया में यह पहली बार हुआ है कि जब 1 से लेकर 4 KG वॉरहेड के साथ किसी मैन-पोर्टेबल लॉयटर म्यूनिशन का सफल परीक्षण हुआ है.
यह ड्रोन 4500 मीटर ऊपर उड़ान भरते हुए सीधे दुश्मन के टैंक, बंकर, बख्तरबंद वाहनों, हथियार डिपो या सैन्य समूहों पर घातक हमला कर सकता है. इस हथियार का परीक्षण आर्मी डिजाइन ब्यूरो ने किया था. नागास्त्र फिक्स्ड विंग्स ड्रोन हैं. जिसके पेट में विस्फोटक रख कर दुश्मन के अड्डे पर हमला बोला जा सकता है.
इसके तीन मोड्स आते हैं. इसमें ड्यूल सेंसर लगे हैं, जो दिन-रात में काम करते हैं. इसका वजन 11 KG है. यह 90 मिनट तक उड़ान भरने में सक्षम है. वीडियो लिंक रेंज 25 KM है. जीपीएस टारगेट रेंज 60 KM है. यह हथियार इजरायल और पोलैंड से आयात किए गए हवाई हथियारों से करीब 40 फीसदी सस्ता पड़ेगा.