Breaking News:

शरद पवार का फोन, फिर दोनों गुट के नेताओं की दौड़... नवाब मलिक को अपने खेमे में लाने की क्यों है होड़? जानें सियासी ताकत

शरद पवार का फोन, फिर दोनों गुट के नेताओं की दौड़... नवाब मलिक को अपने खेमे में लाने की क्यों है होड़? जानें सियासी ताकत

महाराष्ट्र में शिवसेना के बाद एनसीपी में दोफाड़ हो गए हैं. अब दोनों पार्टियों के अलग-अलग गुट अपने कुनबे को बढ़ाने में जोर लगा रहे हैं. बुधवार को डिप्टी सीएम अजित पवार, मंत्री छगन भुजबल और शरद गुट के अनिल देशमुख ने पूर्व मंत्री नवाब मलिक से मुलाकात की है. माना जा रहा है कि मलिक को अपने पाले में लाने के लिए दोनों धड़े कवायद में जुटे हैं. हालांकि, मलिक बिल्कुल साइलेंट मोड में देखे जा रहे हैं.

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में दोफाड़ होने के बाद अब अपने-अपने कुनबे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. शरद पवार और अजित पवार गुट के नेता राज्य में संगठन मजबूत करने के लिए पार्टी नेताओं को अपने पाले में करने के लिए मेल-मुलाकातें और बैठकें कर रहे हैं. बुधवार को दोनों गुटों से जुड़े नेताओं ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक से मुलाकात की है. डिप्टी सीएम अजित पवार खुद मलिक से मिलने उनके घर पहुंचे. बाद में अजित गुट के ही छगन भुजबल ने भी मलिक से मुलाकात की. शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख भी मलिक से मिलने पहुंचे. उनके साथ मोर्चे के पदाधिकारी भी थे.

बता दें कि नवाब मलिक (64 साल) को पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट से मेडिकल के आधार पर अंतरिम जमानत दी गई है. वो मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में पिछले साल से जेल में बंद थे. मलिक को सोमवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल से छुट्टी दी गई है. मलिक का दो महीने के लिए अंतरिम जमानत पर हैं. ईडी ने मलिक को कथित तौर पर भगोड़े अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों से जुड़े एक मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था. मलिक का मई 2022 से किडनी से संबंधित बीमारी के लिए निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

पहले अजित, फिर छगन भुजबल मुलाकात करने पहुंचे

बुधवार को डिप्टी सीएम अजित पवार ने ट्वीट किया और बताया कि उन्होंने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के एक वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री और विधायक नवाब मलिक से उनके आवास पर बैठक की. उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. अजित के साथ उनके गुट से जुड़े अन्य नेता भी मिलने पहुंचे थे. बाद में मंत्री छगन भुजबल ने ट्वीट किया और बताया कि उन्होंने नवाब मलिक से उनके आवास पर मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली. इसकी तस्वीरें शेयर की हैं. भुजबल, डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व वाले एनसीपी गुट के नेता हैं. वे पार्टी के उन 9 विधायकों में से एक थे, जिन्होंने 2 जुलाई को एनसीपी में बगावत की और बीजेपी सरकार में मंत्री बनाए गए थे.

शरद गुट के नेता भी मलिक से मिलने पहुंचे

इस मेल-मुलाकात की खबरों के बीच NCP के संस्थापक शरद पवार गुट के नेता और पूर्व मंत्री अनिल देशमुख भी नवाब मलिक से उनके घर पर मुलाकात करने पहुंचे. पत्रकारों से बातचीत में अनिल देशमुख ने कहा- मलिक को राजनीतिक कारणों से जेल में डाला गया. देशमुख के साथ NCP की महिला प्रदेश अध्यक्ष विद्या चव्हाण और अन्य नेता भी मुलाकात करने पहुंचे थे.

'संजय राउत भी नवाब से मिलने जाएंगे'

इससे पहले दिन में शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा था कि वो जल्द ही नवाब मलिक से मुलाकात करेंगे. बताते चलें कि नवाब मलिक, अनिल देशमुख और संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया था. तीनों को जेल भेजा गया था. बाद में राउत और देशमुख जमानत पर बाहर आए.

मलिक की भूमिका पर सबकी नजर...

इससे पहले जब विधायक सरोज अहिरे बीमार थीं, तब मंत्री छगन भुजबल उनसे मिलने अस्पताल गए थे. उसके बाद सरोज अहिरे ने अजित पवार गुट को समर्थन देने का ऐलान कर दिया था. ऐसे में राज्य के सियासी गलियारों में मलिक को लेकर भी बहस चल रही है. इसलिए सबका ध्यान मलिक की भूमिका पर है.

नवाब मलिक की ताकत... या सोची समझी रणनीति?

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नवाब मलिक की रिहाई के बाद से उनके घर पर राजनीतिक गतिविधियां बढ़ गई हैं. नेताओं के मिलने का सिलसिला तेज हो गया है. जब नवाब मलिक जेल से बाहर आए तो सबसे पहले शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले उनका स्वागत करने पहुंचीं. सुप्रिया सुले, मलिक के घर भी गईं. शरद पवार के बुलावे से पहले अजित पवार गुट के नेता और सांसद प्रफुल्ल पटेल और प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे भी मलिक से उनके घर पर मुलाकात करने पहुंचे. अजित गुट की महिला मोर्चे की प्रदेश अध्यक्ष रूपाली चाकणकर भी मौजूद थीं. बाद में शरद पवार ने मलिक को फोन किया और हालचाल लिया. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मलिक किसकी तरफ हैं? मलिक ने अपनी भूमिका समझाई, लेकिन ऐसा करने में उन्होंने बड़ी सावधानी दिखाई है.

'एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई... चुनाव आयोग करेगा फैसला'

दरअसल, 2 जुलाई को एनसीपी में बगावत हुई थी. अजित पवार ने सीधे तौर पर एनसीपी पर कब्जे की लड़ाई शुरू कर दी. चुनाव आयोग में पार्टी पर दावा कर दिया. शरद पवार के साथ उनके गुट के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने दावा किया कि हम असली एनसीपी हैं. अचानक हुई बगावत से पार्टी के विधायक असमंजस में पड़ गए. नवाब मलिक भी इसी असमंजस में हैं. उन्होंने भी साइलेंट मोड में रहने का मन बना लिया है. हालांकि, नवाब मलिक के मन में क्या है- ये सवाल उनके जेल से बाहर आने के बाद से ही बना हुआ है. मीडिया से बातचीत में नवाब मलिक ने एक बयान दिया था. उन्होंने कहा, मैं किसी गुट में शामिल नहीं होऊंगा. मैं मूल एनसीपी के साथ रहूंगा.

'एनसीपी के कई विधायकों का स्टैंड भी क्लीयर नहीं'

नवाब मलिक का यह बयान भले ही साधारण लगता है, लेकिन उनकी भूमिका बड़े संकेत दे रही है. वजह ये है कि नवाब मलिक ऐसा रुख अपनाने वाले पहले NCP विधायक नहीं हैं. पहले भी कई विधायक इसी तरह का रुख अपना चुके हैं और यह अधिवेशन के दौरान देखने को भी मिला. एनसीपी में फूट के बाद जब भी एनसीपी विधायकों से पूछा गया तो उन्होंने यही कहा कि हम एनसीपी के साथ हैं. ऐसे बहुत कम विधायक थे जिन्होंने कहा कि मैं अजित पवार के साथ हूं या शरद पवार के साथ हूं. सत्र के दौरान उन्हें साफ तौर पर स्टैंड लेते हुए देखा गया. बड़ी संख्या में एनसीपी विधायक साइलेंट मोड में हैं. 

'दोनों गुट खुद को बता रहे हैं असली एनसीपी'

शरद पवार के नेता दावा कर रहे हैं कि असली एनसीपी हमारी है. अजित पवार गुट की ओर से भी यही कहा जा रहा है. लेकिन, ये मामला केंद्रीय चुनाव आयोग के पाले में चला गया है. इसलिए जब तक चुनाव आयोग फैसला नहीं देता, तब तक यह स्पष्ट नहीं होगा कि मूल राष्ट्रवादी पार्टी किसके हाथ में है. बताया जाता है कि मलिक ने इसका फायदा उठाया. अब ऐसा लग रहा है कि बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि मूल राष्ट्रवादी पार्टी किसके साथ में होगी.

कौन हैं नवाब मलिक?

महा विकास अघाड़ी सरकार में एनसीपी कोटे से मंत्री रहे नवाब मलिक मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनका पूरा परिवार 1970 में यूपी से मुंबई में शिफ्ट हो गया था. उन्होंने अपना सियासी सफर मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी के साथ से शुरू किया. बाद में शरद पवार की टीम में शामिल हो गए. एनसीपी में संगठन स्तर पर काम किया. नवाब मलिक पांच बार से विधायक हैं. मलिक ने महाराष्ट्र के मुस्लिम बाहुल नेहरू नगर सीट से 1996 में उपचुनाव में सपा के टिकट पर पहली बार चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. मुलायम के करीबी नेताओं में गिने जाने लगे. 1999 के विधानसभा चुनाव में दोबारा सपा के टिकट पर नेहरू नगर सीट से जीत हासिल की.

2004 में शरद पवार की एनसीपी में एंट्री 

2004 में मलिक ने शरद पवार की एनसीपी में शामिल हो गए और नेहरू नगर सीट से जीत की हैट्रिक लगाई. 2009 के विधानसभा चुनाव में परिसीमन के बाद मलिक ने अणुशक्ति नगर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और लगातार चौथी बार विधायक बने. 2014 के चुनाव में अणुशक्तिनगर सीट से शिवसेना के उम्मीदवार ने मामूली वोटों से हरा दिया था. 2019 के चुनाव में मलिक ने फिर चुनाव लड़ा और पांचवी बार विधायक बने. 2020 में वो एनसीपी मुंबई के अध्यक्ष भी बने. उन्हें एनसीपी प्रमुख शरद पवार का बेहद करीबी माना जाता है.

  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 595K
    DEATHS:7,508
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 539K
    DEATHS: 6,830
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 496K
    DEATHS: 6,328
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 428K
    DEATHS: 5,615
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 394K
    DEATHS: 5,267
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED:322K
    DEATHS: 4,581
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 294K
    DEATHS: 4,473
  • COVID-19
     GUJARAT
    DETECTED: 239 K
    DEATHS: 4,262
  • COVID-19
     INDIA
    DETECTED: 44.85 M
    DEATHS: 531.23 K
  • COVID
     GLOBAL
    DETECTED: 686.0 M
    DEATHS: 6.84 M