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गुजरात ने बना दिया इतिहास, बीजेपी को 156 सीटें ही नहीं दी, ये रिकॉर्ड भी बनाया |

गुजरात ने बना दिया इतिहास, बीजेपी को 156 सीटें ही नहीं दी, ये रिकॉर्ड भी बनाया |

27 साल से गुजरात में राज कर रही बीजेपी के पास पांच साल के लिए और सत्ता गई है. इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने विधानसभा की 182 में से 156 सीटो पर जीत दर्ज कर ली है. गुजरात के चुनावी इतिहास में ये पहली बार है जब किसी पार्टी ने इतनी ज्यादा सीटों पर जीत हासिल की हो. इसके अलावा बीजेपी ने एक रिकॉर्ड और बनाया है.

गुजरात ने इतिहास रच दिया. विधानसभा चुनाव में बीजेपी को इतनी बड़ी जीत दी, जितनी बड़ी आजतक किसी को नहीं मिली. बीजेपी की जीत कितनी बड़ी है, इसे ऐसे समझ सकते हैं कि गुजरात के चुनावी इतिहास में ये पहली बार है जब किसी एक पार्टी ने 150 से ज्यादा सीटें हासिल की हों.

चुनाव आयोग के मुताबिक, गुजरात में बीजेपी ने 156 सीटें हासिल की हैं. ये सिर्फ बीजेपी ही नहीं, बल्कि किसी भी राजनीतिक पार्टी का अब तक का सबसे बेहतरीन बेहतरीन रिकॉर्ड है.

बीजेपी ने इससे पहले 2002 में 127 सीटें जीती थीं. तब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे. ये वो साल था जब गुजरात में दंगे हुए थे.

बीजेपी ने ये रिकॉर्ड भी बनाया :
गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी की ये 7वीं जीत है. बीजेपी 1995 से अपने दम पर सरकार चला रही है. इसके बाद 1998, 2012, 2017 और अब 2022 में भी बीजेपी की ही जीत हुई.

इस बार का चुनाव जीतते ही बीजेपी ने लगातार सात चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बना लिया है. इससे पहले पश्चिम बंगाल में लेफ्ट का शासन 34 साल रहा है

पश्चिम बंगाल में सीपीएम ने 1977 से 2011 तक राज किया. 2011 में ममता बनर्जी के नेतृत्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार बनी. पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव मे ममता बनर्जी की पार्टी ने राज्य की 294 में से 215 सीटों पर जीत दर्ज की थी

अब बात गुजरात के इतिहास की :

1947 में जब भारत को आजादी मिली, तब गुजरात नाम का कोई राज्य ही नहीं था. आजादी से पहले ये बंबई प्रेसिडेंसी का हिस्सा था. और आजादी के बाद बंबई राज्य का  हिस्सा बना. 1 मई 1960 में बंबई राज्य को दो भागों में बांटा गया और जन्म हुआ गुजरात का.

1960 में यहां पहली बार विधानसभा चुनाव हुए. तब 132 सीटें हुआ करती थीं. 1960 से 1975 तक कांग्रेस का एकतरफा राज रहा. आपातकाल के बाद कांग्रेस थोड़ा डगमगाई जरूर, लेकिन 1980 में केंद्र में जनता पार्टी की सरकार गिरने के बाद फिर उठ खड़ी हुई.

1980 में माधव सिंह सोलंकी मुख्यमंत्री बने. उन्होंने ही क्षत्रियों, दलितों, आदिवासियों और मुसलमानों को साथ लाने वाली 'खाम थ्योरी' बनाई थी. इसी थ्योरी की बदौलत 1985 के चुनाव में कांग्रेस ने 149 सीटें जीतीं, जो अब तक किसी पार्टी को मिली सीटों की सबसे ज्यादा संख्या है. हालांकि, 1990 के बाद यहां पटेल राजनीति की शुरुआत हुई.

1990 में जनता दल और बीजेपी की मिली-जुली सरकार बनी, लेकिन राम मंदिर के मुद्दे पर गठबंधन टूट गया. 1995 में बीजेपी को बड़ी जीत मिली और केशुभाई पटेल सीएम लेकिन वो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. 1998 में केशुभाई पटेल दूसरी बार सीएम बने, लेकिन 2001 के भूकंप के बाद उन्हें हटा दिया गया और फिर शुरुआत हुई नरेंद्र मोदी युग की. मोदी लगातार 13 साल तक मुख्यमंत्री रहे. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की जगह आनंदीबेन पटेल ने ली. आनंदीबेन पटेल ने भी बाद में इस्तीफा दे दिया और विजय रूपाणी सीएम बने. रूपाणी के इस्तीफे के बाद भूपेंद्र पटेल सीएम बने. अब फिर से सरकार बनने के 12 दिसंबर को दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे.

गुजरात 1.96 लाख वर्ग किमी के इलाके में फैला हुआ है. इसका समुद्र तट 1,600 किमी लंबा है. और यहां की 6 करोड़ से ज्यादा की आबादी रहती है










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